मूर्ख.
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च दु:खिते सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति ~चाणक्य मूर्खों को उपदेश नहीं देना चाहिए। मूर्ख हर बात में व्यर्थ तर्क-वितर्क करते हैं। कोई विद्वान भी किसी मूर्ख को विद्वान नहीं बना सकता है। अत: मूर्खों को ज्ञान बाँटना हमें ही मानसिक तनाव दे सकता है।